ये मेरे उद्गार कुछ और नहीं बस तीव्रता है ... मेरी संवेदनाओं की जिन्हें मैं,शब्दबद्ध कर आपके समक्ष प्रस्तुत कर रही हूँ ... l इनसे मैं, हमारे और आपके मध्य भावनाओं के स्नेहसिक्त सेतु का निर्माण करने का प्रयत्न भर कर रही हूँ .... || - कंचन पाठक.
प्रकृति का सुंदर चित्रण!��
प्रकृति का सुंदर चित्रण!��
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